बीते दिनों रेलवे मंत्री श्री दिनेश त्रिवेदी ने रेलवे किराया बढाया उसके कारन उन्हें अपनीही पार्टी की आलोचना झेलनी पड़ी. यह सत्य है की बदती महंगाई मे जनता par बढे हूए किराये का ज्यादा बोझा डालना उचित नहीं होंगा परन्तु रेलवे की वित्तीय स्थिती के बारे मे भी सोचना जरुरी ही जिसके बारे मे मंत्रीजी ने गहरी चिंता बाजात मे व्यक्त कि. रेल्वे को आधुनुकीकरण, नयी सुविधा और अपनी आय बधाने के लिये संसाधन जुटाना भी जरुरी ही जिंका एक उपाय किराया मे वृद्धी हो सकता है परंतु इसमे एक बीचका रस्ता अपनाना उचि त होगा ज़िससे रेल्वे कि आमदनी भी बढे और गरीब जनता पर ज्यादा बोझा भी पडे /
इसके लिये या हो सकता है कि रेल्वे किराया कूच किलोमीटर अंतर को छोड़कर बढ़ाया जाता ! अधिकांश या dekhane को मिलता है की छोटे मोटे सामान बेचने वाले लोग रेलवे मे कम दुरी का लगभग १०० किलोमीटर का सफ़र करते है/ अगर रेलवे किराया वृद्धि प्रति किलोमीटर न करके प्रथम १०० किलोमीटर से आगे पर लागु करे तो इससे गरीब लोगो पे किराया वृद्धि का भार नहीं पड़ेंगा और रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी