Friday, 13 April 2012

crisis on railway fare hike

बीते दिनों रेलवे मंत्री श्री  दिनेश त्रिवेदी ने रेलवे किराया बढाया उसके कारन उन्हें अपनीही पार्टी की आलोचना झेलनी पड़ी. यह सत्य है की बदती महंगाई मे जनता par  बढे हूए किराये का ज्यादा बोझा डालना  उचित नहीं होंगा परन्तु रेलवे की वित्तीय स्थिती  के बारे मे   भी  सोचना जरुरी ही जिसके बारे मे  मंत्रीजी  ने गहरी चिंता बाजात मे  व्यक्त कि. रेल्वे को आधुनुकीकरण, नयी  सुविधा और अपनी आय बधाने  के लिये  संसाधन  जुटाना  भी जरुरी ही जिंका एक उपाय किराया मे  वृद्धी हो सकता है परंतु इसमे एक बीचका  रस्ता अपनाना उचि त होगा ज़िससे  रेल्वे कि आमदनी  भी बढे और गरीब जनता पर ज्यादा बोझा भी  पडे /

इसके लिये या हो सकता है  कि रेल्वे किराया कूच  किलोमीटर  अंतर को   छोड़कर बढ़ाया जाता ! अधिकांश या dekhane को मिलता   है की छोटे मोटे सामान बेचने वाले लोग रेलवे मे  कम दुरी का लगभग १०० किलोमीटर का सफ़र करते है/ अगर रेलवे किराया वृद्धि प्रति किलोमीटर न करके प्रथम १०० किलोमीटर से आगे पर  लागु करे तो इससे गरीब लोगो पे किराया वृद्धि का भार नहीं पड़ेंगा और रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी    

No comments:

Post a Comment